भानुप्रतापपुर में छठ महापर्व पर डूबते सूर्यदेव को दिया अर्घ्य

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TOP NEWS Chhattisgarh भानुप्रतापपुर से संतोष बाजपेयी की रिपोर्ट

भानुप्रतापपुर आज लोक आस्था का महापर्व छठ मनाया गया। चार दिनों तक चलने वाले छठ त्योहार का आज तीसरा दिन है। छठ पर्व का तीसरा दिन सबसे खास माना जाता है। इस दिन डूबते सूर्य अर्घ्य दिया जाता है, फिर अगले दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देकर समापन किया जाता है। आज शाम को भानुप्रतापपुर स्थित राजा तालाब में डूबते हुए सूर्य अर्घ्य दिया, फिर अगले दिन यानी कल 08 नवंबर को सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का समापन होगा।

राजा तालाब के घाट पर छठ पूजा करने के लिए श्रद्धालु पहुंचे। आज डूबते सूर्य को सायंकालीन अर्घ्य दिया। छठ पर्व की शुरुआत कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन नहाय खाय से होती है। पंचमी को खरना, षष्ठी को डूबते सूर्य को अर्घ्य और उगते सूर्य सप्तमी को अर्घ्य देकर व्रत समाप्त होता है। इस चार दिवसीय त्योहार में सूर्य और छठी मैया की पूजा की जाती है।

आपको बता दें कि संतान की लंबी आयु एवं परिवार की उन्नति के लिए गुरुवार को डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर बड़ी संख्या में व्रतियों ने छठी मइया का पूजन किया। सूर्य उपासना के इस महापर्व के लिए राजा तालाब के किनारे श्रद्धालु जुटे रहे।तालाब के घाट पर व्रतियों के लिए विशेष इंतजाम किए गए थे। यहां व्रतियों ने डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर छठी माता की पूजा की। साथ ही ईश्वर से सुख-शांति की कामना की। व्रतियों ने छठ प्रसाद में ठेकुआ, टिकरी व चांवल के लड्डू बनाए। शाम के समय एक बांस की टोकरी में अ‌र्घ्य देने वाले सूप को सजाया गया। सूर्य को जल और दूध से अ‌र्घ्य देकर छठी मइया की सूप से पूजा की गई।

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