अगहन गुरुवार महालक्ष्मी पूजन की तैयारी महिलाएं एक दिन पूर्व करती है।

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*TOP NEWS छत्तीसगढ़ भानुप्रतापपुर से संतोष बाजपेयी की रिपोर्ट*

 *भानुप्रतापपुर* 

 छत्तीसगढ़ में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में अगहन बृहस्पति  को महिलाएं विधि विधान से पूजा अर्चना कर मानती हैं। अघन गुरुवार का यह गुरुवार दूसरा है जिसकी तैयारी महिलाएं एक दिन पूर्व करती हैं एक तरह से यह पर्व प्रकृति और पर्यावरण से संबंधित होते हैं। देवउठनी एकादशी के बाद से ही शुभ कार्य प्रारंभ हो जाते हैं, जिसमें अगहन मास को सर्वश्रेष्ठ माना गया है।

वैसे इस व्रत का प्रभाव दिन प्रातः से लेकर रात्रि तक देखा जाता है। इसके साथ ही पूजा की तैयारी को एक दिन पहले से ही कर ली जाती है। अचल में अघन गुरुवार लक्ष्मी माता के रूप   में पूजा अर्चना कर यह व्रत पूर्ण करती हैं, जिसमें महिलाएं सुबह अपने-अपने घरों में इस व्रत से संबंधित कथा का वाचन और श्रवण करती हैं। कथा वाचन और पूजा अर्चना के बाद  आरती करती हैं। इतना ही नहीं हर गुरुवार को यह पूजा नियमित रूप से की जाती हैं। इस पूजा के माध्यम से अपने घरों के आसपास साफ सफाई कर गोबर लिपकर शुद्धि के साथ ही रंगोली सजाकर स्वच्छता के प्रति समाज को संदेश देने का कार्य भी कर रही हैं। इस परम्परा को अपने मोहल्ले तक सीमित न रख विस्तार करने की अब महिलाएं पहल करने लगी हैं।

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