छोटी उम्र, बड़ा हौसला: 6 साल के आमिल रजा ने रखा पहला रोज़ा, परिवार ने की दुआएं...
TOP NEWS छत्तीसगढ़ भानुप्रतापपुर से संतोष बाजपेयी की रिपोर्ट
भानुप्रतापपुर रमज़ान का मुबारक महीना इबादत और संयम का संदेश लेकर आता है। इस पवित्र महीने में जहां बड़े रोज़ा रखकर अल्लाह की इबादत में मशगूल रहते हैं, वहीं छोटे बच्चे भी इस परंपरा को अपनाने की कोशिश करते हैं। संबलपुर के शाकिर रजा के 6 साल के पुत्र आमिल रजा ने इस साल पहली बार रोज़ा रखा जिससे उनके परिवार और समुदाय में खुशी का माहौल है।आमिल के माता-पिता और दादा ताज मोहम्मद का कहना है कि बेटे ने खुद ही रोज़ा रखने की इच्छा जताई थी, जिसे देखकर वे बेहद खुश हैं। पूरे दिन संयम और धैर्य के साथ रोज़े में रहे और शाम को इफ्तार किया।इस उम्र में आमिल की यह कोशिश न सिर्फ परिवार बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणादायक है। रमज़ान का यह पाक महीना बच्चों को संयम, अनुशासन और धार्मिक मूल्यों की सीख देने का अवसर देता है, और आमिल ने अपने पहले रोज़े से इसकी एक खूबसूरत मिसाल पेश की है।*
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