घर के आंगन से स्कूटी वाहन चोरी करने वाले अपचारी बालक को भेजा गया न्यायिक अभिरक्षा में

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 *रिपोर्टर सादाब अंसारी* 

*बलरामपुर,अपचारी बालक के पास से चोरी की गई स्कूटी वाहन सहित अन्य सामग्री की गई बरामद*

*विवरण :- मामले का संक्षिप्त विवरण है कि प्रार्थी सुभाष लकड़ा पिता स्व. बलराम लकड़ा उम्र 35 वर्ष जाति उरांव ग्राम पकरीटोली थाना कुसमी जिला बलरामपुर थाना कुसमी उपस्थित आकर लिखित आवेदन पेश कर रिपोर्ट दर्ज कराया कि  दिनांक 03.04.2025 के लगभग 03:00 बजे दिन में प्रार्थी अपने स्कूटी क्रमांक सी.जी 30 एफ 9336 को घर के आंगन में खड़ा किया था। प्रार्थी घर के अंदर में था घर का दरवाजा भी खुला था। कुछ देर बाद जब प्रार्थी अपने घर से बाहर निकाला तो प्रार्थी का स्कूटी क्रमांक सी.जी 30 एफ 9336 आंगन में नहीं नही था। प्रार्थी के द्वारा आसपास बहुत खोजबीन करने पर भी नही मिला कोई अज्ञात व्यक्ति के द्वारा प्रार्थी के स्कूटी क्रमांक सी.जी 30 एफ 9336 को चोरी कर ले गया है। प्रार्थी की रिपोर्ट पर थाना कुसमी में धारा-303 (2) बी. एन. एस का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लेकर आरोपी का पता तलाश किया जा रहा था।  पता तलाश हेतु श्रीमान पुलिस अधीक्षक महोदय श्री वैभव बैंकर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री विश्व दीपक त्रिपाठी एवं पुलिस अनुविभागीय अधिकारी कुसमी श्री ईम्मानुएल लकड़ा अनुभाग कुसमी के निर्देशन में अज्ञात चोर की पता तलाश शुरू की गई। चोरी की बारदात को अंजाम देने वाले को जल्द हिरासत में लेने हेतु संदिग्धों से पूछताछ की जा रही थी तभी पुलिस को देखकर अपचारी बालक के उपर चोरी करने अंदेशा होने पर अपचारी बालक का पतासाजी कर उसके सकुनत पर दबिश देकर अपचारी को अभिरक्षा में लिया गया। अपचारी को पूछताछ करने पर चोरी करना स्वीकार किया व उसके द्वारा चोरी किये गये 01. एक हीरो कंपनी का स्कूटी क्र. सी.जी 30 एफ 9336 02. तीन नग फूल कांश का थाली 03. चार नग फूल कांस का कटोरी 04. चांदी का पायल एक जोड़ी, 05. एक नग सोने का नाक का छुछिया को बरामद कर जप्ती की कार्यवाही की गई। विधिक कार्यवाही उपरात प्रकरण में अपचारी को अभिरक्षा में लेकर रिमाण्ड पर माननीय न्यायालय भेजा गया।* 


*उक्त कार्यवाही में थाना प्रभारी निरी. ललित यादव, उनि डाकेश्वर सिंह, सउनि नवासाय राम, प्र. आर. 405 विष्णुकान्त मिश्रा, प्र. आर.595 प्रान्जुल कश्यप, आर. क्र.1131 फूलसाय पावल, आर. क्र.1203 अनिल पैकरा, आर. क्र. 909 आनंद बखला का सराहनीय योगदान रहा।*

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