एक अनोखा बरात जिसमें न घोड़ी न गाड़ी पुरे काफिले में नजर आई सिर्फ बैल गाड़ी.

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लोकेशन:-भानुप्रतापपुर

रिपोर्टर:- संतोष बाजपेयी

मोबाइल  :-6261353086

भानुप्रतापपुर:- कांकेर जिले के दुर्गूकोदल ब्लाक के एक गोंडवाना समाज युवा अध्यक्ष  ने अपनी शादी में परंराओं का पालन कर मिसाल पेश किया है ,पिपली  के इस  दूल्हा ने आज की आधुनिकता की चकाचौंध के बीज में भी  बैलगाड़ी पर सवार होकर अपनी दुल्हनिया लेने निकला तो हर कोई उसे निहारने लगा. अपने  पारंपरिक वेषभूसा में सजे दुल्हे ने कहा कि उनहोने अपनी परंपरा निभाई है. देसी अंदाज में निकली इस बारात की लोगों ने जमकर सराहना की 

बारात में लगभग  10 या 12बैलगाड़ियां थी ।


ये गुरुवार को पिपली  से बड़गाव गाँधी  चौक  से बारात निकली  यह  बारात सीधे  करकापाल पहुंचेगी  युवक   सामाजिक परम्पराओ के साथ सज  धज  के निकले थे .

 दूल्हे की बैलगाड़ी को विशेष रूप से सजाया गया था. साथ ही अन्य बैलगाड़ियों पर परिवार शादी समारोह का सामान लेकर बैठे हुए थे. आगे-आगे चल रहे डीजे पर बाराती आदिवासी  गीतों पर युवा  झूम रहे थे युवा डीजे  की  थाप पर  नचाते  गाते झूम  रहे  थे  

दुल्हा बने सभुनाथ  सलाम ने कहाँ  आज भी आदिवासी  समाज  पुरानी  संस्कृती  पुरानी  परंपरा को निभा  रहा  हैँ ताकि  पुरनी परम्परा जीवित रहे . इस युवा ने  समाज  मै एक अनोखा  मिसाल पेश  किया हैँ, धोती, कमीज  पहनकर बारात लेकर पहुंचे. उन्हें देखकर सामाजिक लोगों ने कहा कि इस शादी के माध्यम से आजकल के युवाओं को प्रेरणा देते हुए संस्कृति को पुनः जीवित करने का प्रयास किया गया है.।

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