आवेदिका की भूमि पर अनावेदक को बेदखल कर कब्जा की लगाई गुहार... कलेक्टर जनदर्शन में फर्जी आदिवासी पार्षद और उनके पुत्र-पुत्री पर एफआईआर की माँग
लोकेशन,कुसमी
Top news छत्तीसगढ़
कुसमी| विकासखंड की गरीब आदिवासी महिला द्वारा फर्जी आदिवासी पार्षद से काबिज भूमि से बेदख़ल कर कब्जा दिलाने की माँग कलेक्टर जनदर्शन में मंगलवार को की है। वही फर्जी दस्तावेज़ों से सहारे बने जाति प्रमाण पत्र को निलंबित होने के बाद वैधानिक कार्यवाही नही होने पर पार्षद व उनके पुत्र-पुत्री के खिलाप एफआईआर की माँग कलेक्टर जनदर्शन में की गई है।
वेदन में आवेदिका बसंती सिंह पति स्व. देवचरण सिंह ने बताया कि आवेदिका एक गरीब आदिवासी महिला है। जिसके पति के नाम पर ग्राम कुसमी में भूमि स्वामी हक 355/1 रकबा 0.072 हेक्टेयर भूमि को फर्जी आदिवासी पार्षद सोमनाथ भगत द्वारा जबरदस्ती कब्जा कर लिया गया है। उक्त भूमि पर फर्जी दस्तावेज़ों के आधार पर प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत कराकर मकान बना लिया गया है। मेरे द्वारा पार्षद के फर्जी जाति प्रमाण पत्र के संबंध में शिकायत किया गया था। जाँच उपरांत फर्जी दस्तावेज़ो व कूटरचना करके बनाए जाति प्रमाण पत्र को निलम्बित किया गया। किंतु आज तक उनके खिलाप एफआईआर दर्ज नही कराया गया है। पार्षद पिता के आधार पर ही जाति प्रमाण पत्र बनवाकर पुत्र अमरजीत भगत राजपुर में पटवारी, व्रिजेंद्र भगत अंबिकापुर मेडिकल कालेज में लैब टेक्नीशियन कार्यरत व पुत्री बसन्ती भगत कुसमी सीएससी में सहायक ग्रेड 03 पर पदस्थ है।
पार्षद के जाति प्रमाण निलंबन ने बाद दो और बेटी के जाति प्रमाण पत्र पर भी लटकी तलवार
नगर पंचायत कुसमी के आरक्षित वार्ड क्रमांक 11 के पार्षद सोमनाथ भगत के जाति प्रमाण पत्र जिला स्तरीय समिति के द्वारा निलंबन के बाद अपर कलेक्टर एवं अध्यक्ष जिला स्तरीय जाति प्रमाण पत्र सत्यापन समिति इंद्रजीत बर्मन द्वारा पार्षद के शासकीय कर्मचारी दोनो बेटों पटवारी अमरजीत भगत, लैब टेक्नीशियन व्रिजेंद्र भगत व बेटी बाबू बसन्ती भगत को नोटिस जारी करके 2 दिसंबर को समिति के समक्ष उपस्थित होने को कहा था। अमरजीत, व्रिजेंद्र व बसन्ती द्वारा उपस्थित होकर दस्तावेज़ प्रस्तुत करने के लिए ओर समय माँग है। जाति प्रमाण पत्र से संबंधित दस्तावेज व अभिलेखों प्रस्तुत नही कर पाने की स्थिति पर उनके जाति प्रमाण पत्र व शासकीय नौकरी पर गाज गिर सकती है।
महीने भर पूर्व पार्षद जाति प्रमाण पत्र किया गया है निलंबन
पार्षद सोमनाथ भगत द्वारा स्थायी जाति प्रमाण पत्र तत्कालीन एसडीएम एमएस ठाकुर को 2008-09 आवेदन प्रस्तुत कर पहले 1951-52 में छग में निवासरत होने का आवेदन किया गया। जिसे बाद आवेदन में काँट-छाँट एवं सफेदा लगाकर 1949-50 कर कुटरचना कर स्थायी जाति प्रमाण पत्र हासिल किया गया। शिकायत पर एसडीएम करुण डहरिया ने संबंधी मूल प्रकरण का अवलोकन में कई विसंगतियां मिली। जिस पर एसडीएम द्वारा जाति प्रमाण संबंधी सभी दस्तावेजों की प्रति के साथ अग्रिम कार्यवाही हेतु प्रकरण जिला स्तरीय प्रमाण पत्र सत्यापन समिति को भेज दिया गया। जिस पर जिला स्तरीय छानबीन समिति द्वारा पार्षद का जाति प्रमाण पत्र निलंबित कर दिया गया है।
क्या कहते हैं प्रावधान
छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति,अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (सामाजिक प्रस्थिति के प्रमाणीकरण का विनियमन )अधिनियम 2013 की धारा 8 अनुसार फर्जी जाति प्रमाण निरस्त एवं जब्त किया सकता है। धारा 9 अनुसार फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर प्राप्त सभी लाभ ( शासकीय सेवा, किसी आरक्षित पद पर निर्वाचित होना,वेतन, मानदेय इत्यादि) वापस लिया जा सकता है साथ ही धारा 10 के तहत ऐसे व्यक्ति को 3 माह से दो वर्ष का कठोर कारावास तथा दो हजार से 20000 रुपए तक के जुर्माना से दंडित किया जा सकता है।
0 Comments
Post a Comment