एडमिशन और प्रैक्टिकल के नाम पर वसूली कर रहे,अतिथि शिक्षक संस्था प्रमुख को नहीं है जानकारी।

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रिपोर्टर सादाब अंसारी 

कुसमी/ एक तरफ जहां केंद्र सरकार पिछड़े जिलों के विकास की परिकल्पना का ख्वाब बुन रही है। वही कल के भविष्य कहे जाने वाले छात्रों को गुणवत्ता परख शिक्षा के बजाय बॉर्डर के जिले बलरामपुर के कुसमी में संचालित औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) के विभिन्न ट्रेडों में पढ़ने वाले सैकड़ो छात्र-छात्राओं से संस्था प्रबंधन से जुड़े लोगों की मोटी कमाई का जरिया बन चुके हैं या कहें तो आईटीआई कुसमी में अध्यनरत छात्र यहां के अंदर खाने में पहले भ्रष्टाचार के मकड़जाल में फंसकर जबरदस्त तरीके से शोषण का शिकार हो रहे हैं। आईटीआई कुसमी के छात्रों से मिली जानकारी के अनुसार यहां हर वर्ष करीबन 200 बच्चे विभिन्न ट्रेडों में अपना एडमिशन कराते हैं।वही संस्था में एडमिशन फीस एसटी एससी वर्ग ओर ओबीसी वर्ग के लिए 50 रुपए है। बावजूद इसके संस्था में एडमिशन शाखा का कार्य देख रहे अतिथि शिक्षक दिनेश कुमार टंडन और उजाला रात्रे के द्वारा छात्र-छात्राओं को गुमराह कर एसटी एससी के छात्रों से भी 500 से 7000 रुपए तक की रकम वसूली जा रही है। छात्रों का कहना है कि संस्था प्रमुख डी.वासुदेव महीनों तक संस्था से गायब रहते हैं, जिसके फल स्वरुप यहां की अतिथि शिक्षक संस्था को मनमाने ढंग से चला रहे हैं 


दो साल से नहीं मिला अटेंडेंस का प्रोत्साहन राशि 

औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान कुसमी के छात्र-छात्राओं ने बताया कि 80% अटेंडेंस होने पर सरकार द्वारा उन्हें प्रोत्साहन राशि प्रति माह जातिगत 70 रुपए से 300 रुपए मिलता है। लेकिन अटेंडेंस नियमित होने के बावजूद भी आधे से अधिक छात्रों को पिछले दो वर्षों से अटेंडेंस का एक रुपए भी प्रोत्साहन राशि नहीं मिला है। जिससे छात्रों को यह आशंका उत्पन्न हो रही है कि संस्था के शिक्षक और संस्था प्रमुख मिलीभगत कर प्रोत्साहन राशि के लिए शासन से मिले पैसे को बंदरबाट कर लिए है। 

संस्था विभिन्न छात्रों ने बताया कि प्रवेश शुल्क के साथ-साथ प्रेक्टिकल में भी हो रही भारी वसूली 

केस 1 - संस्था में पूर्व में अध्यनरत छात्र सुरेंद्र कुमार ने बताया कि वह आईटीआई में वर्ष 2020-21 में एडमिशन लिया था जिस दौरान उससे एडमिशन शुल्क 7000 रुपए लिया गया था,साथ ही एग्जाम के दौरान प्रैक्टिकल में पास करने के लिए भी 3000 रुपए संस्था के अतिथि शिक्षक दिनेश कुमार टंडन व उजाला रात्रे के द्वारा लिया गया था। सुरेंद्र ने बताया कि फिलहाल वर्ष 2023-24 में स्टेनो कोर्स में एडमिशन लिया हूं जिसमें एस टी वर्ग होने के नाते प्रवेश शुल्क 50 रुपए लगता है लेकिन 500 रुपए लिया गया है जिसका स्लिप मांगने के बावजूद आज तक नहीं मिला है। जिससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि संस्था में उगाही सालों से चल रही है। 


केस 2 - आईटीआई कुसमी में अध्ययन कर रहे सुदर्शन यादव ने बताया कि ओबीसी वर्ग से आता हूं इसके बावजूद मुझसे प्रवेश शुल्क 1200 रुपए लिया गया था,साथ ही इस वर्ष हुए एग्जाम में भी 1000 रुपए प्रैक्टिकल में पास करने के नाम से अतिथि शिक्षक दिनेश कुमार टंडन व उजाला रात्रे के द्वारा लिया गया है। 


केस 3 - संस्था में अध्ययन कर रहे चंदन गुप्ता ने बताया कि वर्ष 2023-24 में जहां प्रवेश शुल्क 50 रुपए था वही हम लोगों से 1000 रुपए से अधिक लिया गया है जिसका स्लिप भी आज तक नहीं मिला है।


केस 4 - छात्रा सचिना मिंज ने भी बताया कि उनसे 50 रुपए की जगह 500 रुपए प्रवेश शुल्क लिया गया जिसका पेमेंट स्लिप उन्हें अब तक नहीं मिला है।


केस 5 - आईटीआई कुसमी के शिक्षकों का हौसला इतना बुलंद है कि एडमिशन दिलाने के नाम पर भी उगाही कर चुके हैं सामरी क्षेत्र के निवासी आशीष यादव ने बताया कि उसे एडमिशन के नाम पर 1500 रुपए लिया गया था लेकिन निवास प्रमाण पत्र नहीं होने के कारण एडमिशन नहीं हो पाया आशीष ने एडमिशन न होने पर अपने पैसे 1500 वापस मांगे तो शिक्षकों ने पैसा लौटाने से मना कर दिया। 


औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान कुसमी में प्राचार्य की नियुक्ति साल भर से नहीं हुई है।जिसके कारण वहां औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान चिरमिरी के शिक्षक डी.वासुदेव को संस्था कुसमी का संस्था प्रमुख बनाया गया है।जो कई महीनों तक संस्था से गायब रहते हैं जिनके गैर मौजूदगी के कारण यहां के अतिथि शिक्षकों के हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि हर वर्ष यहां छात्रों का एडमिशन करने व प्रैक्टिकल में पास करने के नाम पर लाखों रुपए की वसूली कर लेते हैं, जिसकी शुद्ध लेने के लिए कोई जिम्मेदार अधिकारी नहीं है सालों से चल रहे छात्रों से अवैध वसूली की जानकारी या तो जिम्मेदार अधिकारियों को नहीं है या जानकारी होने के बावजूद भी वहां ऐसे शिक्षकों पर कार्यवाही नहीं कर रहे हैं।


डी वासुदेव संस्था प्रमुख - चिरमिरी आई टी आई में शिक्षक हु कुसमी आई टी आई के प्रिंसिपल के निधन के कारण यहां संस्था प्रमुख के पद पर अटैच किया गया है एडमिशन के समय मै यहां पदस्थ नहीं था जिसके कारण एडमिशन फीस अधिक लेने की जानकारी नहीं है।


एम. एफ. अंसारी संयुक्त संचालक अंबिकापुर - कुसमी आई टी आई के समस्याओं के संबंध में विजिट करूंगा, एडमिशन के नाम पर वसूली की जानकारी मिली है जिसकी जांच कर जिन्होंने पैसा लिया है उनपर प्रकरण बनकर डायरेक्टरेट भेजूंगा।

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