स्कूल के नौनिहाल बच्चों से ढूलवाया जा रहा है लकड़ी,विभागीय अधिकारी को नही है सुध लेने कि फुर्सत
*विकासखंड शिक्षा अधिकारी, एबीड्यो, संकुल प्राचार्य, एवं जन शिक्षक कागजी खानापूर्ति कर विकासखंड में निभा रहे हैं अपनी ड्यूटी, नहीं करते स्कूलों का निरीक्षण*
*उच्चतर माध्यमिक विद्यालय करकली के नौनिहाल बच्चों से जंगल से डुलवाया जा रहा लकड़ी, साथ में लिपवाया जा रहा स्कूल का कम्पाउंड*
बलरामपुर जिले अंतर्गत कुसमी विकासखंड के ग्राम पंचायत करकली के उच्चतर माध्यमिक विद्यालय स्कूल मे बच्चों से पढ़ाई के जगह पर जंगल से लकड़ी ढूलवाया जा रहा, साथ ही स्कूल कंपाउंड के अंदर छोटे-छोटे बच्चों से कराया जा रहा है काम। नौनिहाल बच्चों का भविष्य अंधकार में लीन होते नजर आ रहा है,ब्लाक मुख्यालय से महज 7 किलोमीटर दूर है, यह स्कूल, फिर भी सुध लेने की फुर्सत विकासखंड शिक्षा अधिकारी को भी नहीं है, यहां तक ही नहीं ग्राम पंचायत करकली के उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के प्राचार्य मगना राम नें नव नौनिहाल बच्चों से आँगन लिपवा रहे है, मां-बाप सोचते हैं कि अपने बच्चों को पढ़ने के लिए स्कूल भेज रहे हैं, पर शिक्षक नौनिहाल बच्चों से करा रहे है,काम।
विडंबना तो यह है कि स्कूल में चपरासी मौजूद है, फिर भी बच्चों से करा रहे है काम,संबंधित तमाम अधिकारी पर खड़ा हो रा है सवाल।
ग्राम पंचायत करकली के प्रथमिक शाला से सड़क उस पार घना जंगल है, जिस जंगल में प्राचार्य साहब बच्चो को भेज कर लकड़िया मंगा रहे है, अगर जंगल में कोई अपिर्य घटना हो जाती है, तो उसका जिम्मेदार कौन होगा, जबकि यह स्कूल कुसमी, अंबिकापुर के मुख्य मार्ग के बगल में है, फिर भी संबंधित विभाग के अधिकारियों की नजर नहीं जाती।
लुकेशन करकली
रिपोर्टर परवेज खान
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