पैराडाइज हायर सेकेण्डरी स्कूल में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया
कांकेर:- शिक्षिकाओं ने भाषण, मनोरंजक खेल एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लिया
पैराडाइज हायर सेकेण्डरी स्कूल में 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर सभी षिक्षिकाओं ने अपने वक्तव्य प्रस्तुत किये। जिसमें प्राचार्य रश्मि रजक ने कहा कि महिला आर्थिक, सामाजिक, राजनीति, सांस्कृतिक, खेल एवं हर क्षेत्र में उपलब्धि हासिल कर परचम लहरा रही है। आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं व उनकी उपलब्धियों के प्रति सम्मान प्रकट कर उन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए और साथ ही समाज में उनके प्रति व्याप्त भेदभाव मिटाकर समानता का दर्जा दिया जाना चाहिए और समाज में स्त्री और पुरूष समानता होना चाहिए।
शिक्षिका प्रीति झा ने कहा नारी अबला या बेचारी नहीं है, नारी एक शक्ति है, नारी माॅं के रूप में माॅ सरस्वती, माॅ काली एवं माॅ दुर्गा है। भगवान ब्रम्हा द्वारा सृष्टि की रचना के पश्चात इस भूतल पर मानव को अवतरित करने वाली, नारी का स्थान सर्वोपरि है। शिक्षिका रचना शर्मा ने कहा कि एक नारी का सम्मान आज के ही दिन नहीं बल्कि प्रतिदिन उसकी मान और सम्मान देना चाहिए, नारी माॅ, बहन, पुत्री एवं पत्नी के रूपों में रहती है मानव का समाज से संबंध स्थापित करने वाली नारी होती है। शिक्षिका भारती सेठिया ने अपने बात रखते हुये कहा कि समाज में महिलाओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है, परिवारों की रीढ़ हैं और समाज के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं। इस अवसर पर शिक्षक एवं शिक्षिकाओं के बचपन के फोटों दिखाकर पहचान कराये गये, गेम्स कराये गये तथा डांस कर आज के दिन को और विशेष बनाया।
इस महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम को संपन्न कराने में प्राचार्य रश्मि रजक, उप प्राचार्य हरिन्द्र गोलुगुरी, एडमिनिस्ट्रेटर हमीद खान, कोआॅर्डिनेटर पूनम जीत कौर वरिष्ठ शिक्षक प्रीति झा, पवित्र बराई, रूबी खान, वर्षा रामानी, मेघा सेवा, शबाना परवीन, एस.मर्सी, तीरथ साहू, अवतार सिंह, कृष्णापद कुंभकार, भारती सेठिया, प्रतीक सिह, संगीता भारती, जीतूदास माण्डले, सरिता मिश्रा, सुचिस्मिता खान, इतिश्री गोलुगुरी, अनिल कुमार ढाके, उज्जवल निर्मलकर, रीया सोनी, शांति लीना नेताम, सुन्नदा शर्मा, शिखा मेहरा, रचना शर्मा, लक्ष्मीनारायण नामदेव, तुलसी निषाद, अपूर्वा ठाकुर, रामेश्वरी साहू, सुकदेव सरकार, पार्वती गजबल्ला, सलमा खान, पेंकटेश, रिंकी सेठी, शिल्पी पालित, देवश्री साहू, संतोष ठाकुर, अभिनव सिंह, यमुना बिलोधिया आदि शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
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