आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के संवैधानिक आरक्षण को छत्तीसगढ़ में भी लागू करने की मांग

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उपमुख्यमंत्री को सर्वसमाज ने सौपा ज्ञापन*

*TOP NEWS छत्तीसगढ़ भानुप्रतापपुर से संतोष बाजपेयी की रिपोर्ट*

*भानुप्रतापपुर*

भानुप्रतापपुर केंद्र सरकार द्वारा जनवरी 2019 में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (EWS) को संविधान में संशोधन कर 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है जो सम्पूर्ण भारत में सभी राज्यों द्वारा लागू कर दिया गया है केवल छत्तीसगढ़ राज्य में यह 2019 से अब तक लागू नहीं किया गया है। इसके कारण राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर (EWS) वर्ग के छात्रों एवं अभ्यर्थियों को इसका लाभशिक्षण संस्थानों एवं नौकरियों में नहीं मिल पा रहा है। इसे केंद्र एवं अन्य राज्यों की भांति छत्तीसगढ़ में भी लागू करने की मांग सर्वसमाज द्वारा भानुप्रतापपुर पहुँचे उपमुख्यमंत्री एवं कांकेर जिले के प्रभारी मंत्री अरुण साव को ज्ञापन सौप कर की गई।

एडमिशन हेतु नव प्रवेशी छात्रों एवं नौकरी के लिए तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों द्वारा बनाए गए आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के प्रमाणपत्रों की राज्य के शिक्षण संस्थाओं एवं भर्तियों में कोई उपयोग नहीं हो पा रहा है तथा छत्तीसगढ़ में ईडब्ल्यूएस वर्ग अपने आरक्षण से लगातार 7 वर्षों से वंचित होता चला आ रहा है। छात्रों एवं अभ्यर्थियों को 10 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस आरक्षण प्राप्त नहीं होने के कारण वह मानसिक रूप से कुंठित, प्रताड़ित और निराशा का अनुभव कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार बनने पर छात्रों एवं अभ्यर्थियों में एक नई उम्मीद जागी थी पर वर्तमान सरकार द्वारा भी इसे लागू नहीं किया जा रहा है जिनसे यह वर्ग अपने आप को छला हुआ महसूस कर रहा है। जबकि सरकार ने अपने घोषणा पत्र में भी आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों एवं अभ्यर्थियों को लाभ पहुंचाने का उल्लेख किया है अब इसे अविलंब लागू करने की आवश्यकता है। जिससे शिक्षण संस्थानों में प्रवेश तथा नौकरियों में छत्तीसगढ़ के निवासियों को इसका लाभ प्राप्त हो सके एवं इस वर्ग को केंद्र सरकार के दृष्टिकोण अनुसार मुख्यधारा में जुड़ने हेतु सहयोग प्राप्त हो सके।

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