दिव्यांग बालिका का हत्या करने वाले आरोपी को थाना सामरीपाठ पुलिस ने सूचना मिलने के 24 घण्टे के भीतर गिरफ्तार कर भेजा सलाखों के पीछे, गिरफ्तार आदतन आरोपी पूर्व में भी हत्या के मामले में जा चुका है।
रिपोर्टर सादाब अंसारी बलरामपुर,
दरअसल मामला इस प्रकार है कि दिनांक 12/06/2025 को प्रार्थी देवप्रसाद नगेसिया पिता स्व. महेश नगेसिया, उम्र 40 वर्ष, साकिन बिरहोरपाठ, थाना सामरीपाठ, जिला बलरामपुर द्वारा थाना उपस्थित आकर लिखित आवेदन पेश कर रिपोर्ट दर्ज कराया कि दिनांक 12/06/2025 को मेरा चचेरा भाई रोपना उर्फ विशुनदेव नगेसिया पिता स्व. चनकू नगेसिया के द्वारा जमीन विवाद कि बात को लेकर मेरी दिव्यांग लड़की पार्वती नगेसिया को असहाय पाकर पत्थर तोड़ने वाले हथौड़ा से उसके सिर कनपटटी पर मार दिया है, जिससे पार्वती की मौके पर मृत्यु हो गई है, आरोपी के द्वारा घटना कारित करने बाद पड़ोस के घर आंगन में हथौड़ा को फेंककर मौके से भागने लगा जिसे राजकुमार नगेसिया के रोकने पकड़ने पर आरोपी के द्वारा गांव के राजकुमार नगेसिया को भी जान से मारने की नियत से लकड़ी के डण्डा से उसके सिर पर मारा जिससे सिर में भी चोट आया और बेहोश होकर गिर गया है।
प्रार्थी/सूचक के रिपोर्ट पर थाना सामरीपाठ में मर्ग क्रमांक 21/2025 धारा-194 भा.न.सु.सं.
एवं आरोपी रोपना उर्फ विशुनदेव नगेसिया पिता स्व. चनकू नगेसिया उम्र करीब 35 वर्ष
साकिन बिरहोरपाठ के विरूद्ध धारा सदर का अपराध घटित करना पाये जाने से अपराध क्र.
25/2025 धारा 332 (क), 103 (1), 109 भा.न्या.सं. पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
घटना के संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराकर श्रीमान पुलिस अधीक्षक महोदय
बलरामपुर श्री वैभव बैंकर के मार्गदर्शन एवं श्रीमान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री विश्व दीपक
त्रिपाठी तथा पुलिस अनुविभागीय अधिकारी कुसमी श्री इम्मानुएल लकड़ा के निर्देशन में घटना
की गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुए विवेचना दौरान आरोपी का पता तलाश किया जाकर सूचना
के 24 घंटे के भीतर आरोपी को काफी मशक्कत के बाद जंगल में घेराबंदी कर पकड़ा गया।
आरोपी से अपराध कारित करने के संबध में पूछताछ करने पर आरोपी द्वारा अपराध घटित
करना स्वीकार करने से उसे गिरफ्तार कर न्यायिक रिमाण्ड पर भेजा गया है।
सम्पूर्ण कार्यवाही में थाना प्रभारी निरीक्षक विजय प्रताप सिंह, प्रधान आरक्षक संदीप बागिस, आर. चन्द्रसेन राजपुत, श्रवण कुमार, अजय कुमार, अनिल साहू और म. आर. नमिता किण्डो का सराहनीय योगदान रहा।
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