एनएसयूआई ने सौंपा मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन, शिक्षा व्यवस्था में गड़बड़ी और वादाखिलाफी का लगाया आरोप

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कांकेर, 3 जून:

कांकेर जिला एनएसयूआई ने आज मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से एनएसयूआई ने राज्य सरकार पर शिक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने युक्तियुक्तकरण के तहत स्कूलों को बंद करने, शिक्षक भर्ती में वादाखिलाफी, आत्मानंद विद्यालयों में बजट कटौती और सीजी सेट परीक्षा परिणाम में देरी को लेकर विरोध जताया।


एनएसयूआई के जिला अध्यक्ष सुमित राय ने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा 10,464 शासकीय विद्यालयों को बंद करने का निर्णय लिया गया है, जिससे लगभग 35,000 शिक्षकों के पद समाप्त हो सकते हैं। यह कदम शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 का उल्लंघन है। उन्होंने आरोप लगाया कि विधानसभा चुनाव 2023 के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने प्रदेश में 57,000 शिक्षकों की भर्ती का वादा किया था, जो अब तक पूरा नहीं हुआ है।



सुमित राय ने आगे कहा कि आत्मानंद और शासकीय स्कूलों को बजट से वंचित रखा गया है, जिससे छात्रों को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। कई स्कूलों को बिजली विभाग से बिल न चुकाने पर विद्युत विच्छेदन की चेतावनी भी दी गई है, जो प्रशासनिक लापरवाही और छात्रहितों की अनदेखी का प्रमाण है।


एनएसयूआई ने यह भी कहा कि सीजी सेट परीक्षा के परिणाम अब तक जारी नहीं किए गए हैं, जबकि परीक्षा को लगभग एक वर्ष होने को है। इससे युवाओं में असंतोष बढ़ रहा है और यह संविधान के अनुच्छेद 16 में वर्णित समान रोजगार अवसरों का उल्लंघन है।


ज्ञापन में प्रमुख मांगें की गईं:


युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया को तत्काल स्थगित किया जाए


शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को वादे के अनुसार शीघ्र प्रारंभ किया जाए


आत्मानंद विद्यालयों को पूर्ण बजट उपलब्ध कराया जाए


शासकीय स्कूलों को मिले बिजली विभाग के नोटिसों को निरस्त किया जाए


सीजी सेट परीक्षा परिणाम तत्काल जारी किए जाएं



इस अवसर पर एनएसयूआई के प्रदेश महासचिव महेंद्र नायक, जिला उपाध्यक्ष अमन गायकवाड़, सरजू सॉरी, फैजल मेमन, लकेस धृतलहरे, समीर बांसोड़, प्रतीक मेश्राम, सुरेंद्र साधवानी समेत बड़ी संख्या में एनएसयूआई कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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