यादव समाज ने सौंपा राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन, कथावाचकों पर हुए अत्याचार को लेकर जताया आक्रोश

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कांकेर। उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में दो यादव कथावाचकों के साथ कथित ब्राह्मण समाज के लोगों द्वारा की गई अमानवीय व अपमानजनक घटनाओं को लेकर कांकेर जिला यादव समाज ने कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। समाज ने इस घटना को पूरे यादव समाज का अपमान बताते हुए कड़ी जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।


ज्ञापन में कहा गया है कि इटावा जिले में कथावाचक मुकुटमणि यादव और संत सिंह यादव के साथ मारपीट, उनकी चोटी काटने, ब्राह्मणी मूत्र से उन्हें 'शुद्ध' करने, चेन-अंगूठी लूटने, और पैसे मंगवाकर देने के लिए विवश करने जैसी घटनाएं न केवल बर्बर हैं, बल्कि यह भारतीय संविधान और सामाजिक समरसता के खिलाफ हैं।


यादव समाज ने सवाल उठाया कि क्या हम उस भारत में रह रहे हैं, जहां सभी को बराबरी का अधिकार है? घटना ने पूरे समाज को झकझोर कर रख दिया है और यह दर्शाता है कि अब भी कुछ मानसिकताएं समाज में बराबरी नहीं स्वीकार कर पातीं।


ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि इस तरह के कृत्य केवल उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं हैं। छत्तीसगढ़ की यामिनी साहू और मध्यप्रदेश की देविका पटेल को भी कथावाचन से रोकने और अपमानित करने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इसके बावजूद पुलिस कार्रवाई के कोई ठोस परिणाम अब तक नजर नहीं आए हैं।


छत्तीसगढ़ के 35 लाख यादवों ने इस घटना को लेकर गहरा दुख व्यक्त किया है और कहा है कि वे भगवान श्रीकृष्ण के वंशज होने के नाते अपनी आराध्य कथा सुनाने का अधिकार रखते हैं। कथित ब्राह्मणों द्वारा इसे रोकना न केवल धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला है, बल्कि सामाजिक सौहार्द को भी खंडित करने की कोशिश है।


यादव समाज ने राष्ट्रपति से मांग की है कि इस घटना की निष्पक्ष जांच हो, सभी दोषियों को सजा मिले और ऐसे विचार फैलाने वालों पर भी सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में कोई भी समुदाय, धर्म या व्यक्ति सनातन संस्कृति और किसी के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाने की हिम्मत न कर सके।

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