कांकेर जिला NSUI ने "नशा नहीं, शिक्षा और नौकरी दो" आंदोलन के तहत किया सरकार पर प्रहार

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कांकेर। भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI) ने भाजपा सरकार द्वारा प्रदेश में 10463 स्कूलों के युक्तिकरण के फैसले और शिक्षा-रोजगार के मुद्दों पर जोरदार विरोध दर्ज कराया। रविवार को कांकेर जिला एनएसयूआई द्वारा राजीव भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में जिला अध्यक्ष सुमित राय ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि "युक्तिकरण" के नाम पर स्कूल बंद करना शिक्षा के अधिकार पर सीधा हमला है।

स्कूल बंद कर 57 हजार शिक्षकों की भर्ती पर उठे सवाल

सुमित राय ने कहा कि भाजपा सरकार चुनाव के दौरान 57000 शिक्षकों की भर्ती का वादा करती रही, लेकिन अब स्कूल ही बंद किए जा रहे हैं। उन्होंने पूछा, "जब स्कूल नहीं रहेंगे, तो ये 57000 शिक्षक कहाँ, कब और क्यों भर्ती होंगे?" NSUI ने मांग की कि सरकार इस भर्ती प्रक्रिया को तत्काल और पारदर्शी ढंग से शुरू करे और मोदी गारंटी को निभाए।

CGSET परिणाम लंबित, युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़

उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार द्वारा आयोजित CGSET परीक्षा का परिणाम एक साल से अधिक समय से लंबित है, जिससे हजारों युवा मानसिक और आर्थिक तनाव झेल रहे हैं। NSUI ने परिणाम जल्द जारी करने और देरी के कारणों पर संसद में रिपोर्ट पेश करने की मांग की।


बिजली बिल वसूली नोटिस को बताया असंवेदनशील


प्रेस कॉन्फ्रेंस में NSUI प्रदेश महासचिव महेंद्र नायक ने कहा कि सरकारी स्कूलों और आत्मानंद विद्यालयों को बिजली बिल चुकाने का नोटिस देना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा, "सरकार फंड नहीं दे रही है, ऐसे में बच्चे बिना पंखे और लाइट के कैसे पढ़ेंगे?" उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि शिक्षकों को नियमित करने के वादे अधूरे पड़े हैं और कई शिक्षकों को समय पर वेतन भी नहीं मिल रहा।

स्कूल बंद करना RTE अधिनियम का उल्लंघन

एनएसयूआई नेताओं ने कहा कि संविधान की धारा 21-A और RTE अधिनियम 2009 के तहत हर बच्चे को 6 से 14 वर्ष तक मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार है। स्कूल बंद करना न सिर्फ गरीब, ग्रामीण और आदिवासी बच्चों को शिक्षा से वंचित करना है बल्कि कानून का भी उल्लंघन है।

शराब दुकानों के लाइसेंस पर सवाल

प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया गया कि सरकार एक ओर 67 नई शराब दुकानें खोल रही है और आयोजन-समारोहों के लिए प्रतिदिन के लाइसेंस जारी कर रही है, वहीं दूसरी ओर स्कूल बंद कर रही है। यह दोहरी नीति है और युवाओं को शिक्षा-रोजगार की जगह नशे के लिए प्रेरित कर रही है।


NSUI की मांग


एनएसयूआई ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि 10463 स्कूलों के युक्तिकरण का फैसला तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाए। साथ ही प्रदेश के युवाओं को शिक्षा और रोजगार देने के वादे को पूरा किया जाए।


इस कार्यक्रम में NSUI प्रदेश महासचिव महेंद्र नायक, जिला अध्यक्ष सुमित राय,जिला उपाध्यक्ष अमन गायकवाड, सुधांशु पांडे, प्रतीक, सुरेंद्र साधवानी समेत अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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