बिना पटवारी प्रतिवेदन के हो गया रजिस्ट्री. अब हो रहा बवाल,
*मोटी रकम लेकर नियम विरुद्ध रजिस्ट्री कर रहा रजिस्ट्रार : हरेश चक्रधारी*
*TOP NEWS छत्तीसगढ़ भानुप्रतापपुर से संतोष बाजपेयी की रिपोर्ट*
*भानुप्रतापपुर*
नगर के आसपास ग्रामीण अंचल में इन दिनों शासकीय काबिल काश्त भूमि, बड़े झाड़ के जंगल तथा घास भूमि की खरीदी-बिक्री का खेल बड़े पैमाने पर चल रहा है। जबकि राज्य शासन इन भूमियों को संरक्षित करने में लगा है। गरीब आदिवासियों को मिले काबिल काश्त भूमि की भी अब बड़े पैमाने पर खरीदी कर रसूखदार कब्जा कर रहे हैं। खरीदी के इस खेल में गरीबों को नाम मात्र का रकम देकर धोखे में रखकर पूरे जमीन अपने नाम कर रहे हैं। राजस्व निरीक्षक मंडल भानुप्रतापपुर के अंतर्गत पटवारी हल्का नंबर 14 नारायणपुर में कुछ ऐसा ही स्थानीय एक रसूखदार व्यक्ति ने किया है। बड़े झाड़ के भूमि जिसको एक किसान को जीविकोपार्जन करने के लिए 5 एकड़ जमीन पट्टा दिया गया था उस भूमि को भू माफिया द्वारा भूस्वामी को उक्त भूमि के एवज में नाम मात्र की राशि देकर जमीन बाहर के व्यक्ति को मोटी रकम में बेच दिया गया।
भू माफियाओं द्वारा राजस्व विभाग और रेरा के नियम-कानून को ताक पर रख भानुप्रतापपुर व आसपास के ग्राम पंचायतों में बड़े झाड़- छोटे झाड़ व कृषि भूमि को बिना कलेक्टर के आदेश के बेची जा रही हैं। इस अवैध काम मे भू-माफियाओं को उप पंजीयक (रजिस्ट्रार) का भरपूर सहयोग मिल रहा है, जिसके चलते अब तक इन भूमाफियाओं पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। शिकायत के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हो रही हैं। इस तरह के खरीदी बिक्री की निष्पक्ष जांच किया जाये तो उप पंजीयक पर गाज गिर सकती हैं क्योंकि इनके द्वारा बिना पटवारी प्रतिवेदन के रजिस्ट्री किया गया है जो नियम विरुद्ध हैं।
आधी राशि में खरीद कर दो गुना में सौदा :
ग्राम नारायणपुर के प्रवीण मेश्राम का जमीन काबिल कास्त के रूप में मिला था जिसे उनके जीविकोपार्जन करने के लिए दिया गया था। जिसे भानुप्रतापपुर के रसूखदार ने बहला फुसलाकर चिखलाकसा दल्लीराजहरा के एक व्यवसायी से संपर्क कर जमीन खरीदी-बिक्री का काम किया है। नगर में यहां भी चर्चा है कि भूमिस्वामी से भू - माफियाओं द्वारा आधी रेट में जमीन लेकर दो गुना दाम में बेचा गया है।
18 लाख में 5 एकड़ भूमि हथिया ली
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ग्राम नारायणपुर से लगे कृषक प्रवीण मेश्राम की 5 एकड़ भूमि को मात्र 18 लाख रुपए देकर रसूखदार ने हथिया ली और शिकायतकर्ता के मुताबिक 5 एकड़ भूमि को 40 लाख रुपए में सौदाकर चिखलाकसा दल्लीराजहरा निवासी पदमचंद जैन को बिना पटवारी प्रतिवेदन प्रस्तुत कर उप पंजीयक (रजिस्ट्रार) से साठगांठ कर रजिस्ट्री करवा लिया गया। भानुप्रतापपुर क्षेत्र में भू-माफिया द्वारा यह खेल खेला जा रहा है। गरीब आदिवासियों की जमीन को झांसे में रखकर हथिया लिया जा रहा है।
काबिल काश्त भूमि की नहीं होती बिक्री
लंबे समय से शासकीय भूमि पर कब्जा कर कृषि करने वाले गरीब आदिवासियों को शासन द्वारा काबिज किसानों को काबिल काश्त भूमि घोषित कर पट्टा दिया गया था। उक्त भूमि की किसी भी स्थिति में बिक्री नहीं हो सकती। कभी बिक्री करना भी हैं तो जिला कलेक्टर से आदेश लेना जरूरी होता हैं। लेकिन गरीब आदिवासियों को फंसाकर उनके काबिल काश्त भूमि को अपने परिचित के नाम बैनामा सौदा कर खरीदी की जाती है। ताकि किसी तरह के फंसने की नौबत न आए।
जमीन के खरीदी बिक्री का आप नेता ने उठाई जांच की मांग
भानुप्रतापपुर व क्षेत्र के छोटे झाड़ बड़े झाड़ के जमीन जो बेचने योग्य नहीं हैं उसे उप पंजीयक के साथ भू माफिया साठगांठ कर जमीन का खरीदी बिक्री कर रहे हैं। कई कृषि भूमि पर भी राजस्व व रेरा के नियम को ठेंगा दिखाते हुए अवैध प्लाटिंग किया जा रहा है। आप नेता हरेश चक्रधारी ने पिछले 10 सालों में हुए जमीन के खरीदी बिक्री की जांच करने की मांग किया है। वहीं उप पंजीयक (रजिस्ट्रार) पर आरोप लगाते हुए कहा है कि नियम विरुद्ध कोई भी मद के जमीन को भू माफियाओं से मोटी रकम लेकर रजिस्ट्री किया जा रहा है।


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