अपने बच्चे की बीमारी ठीक हो जाने के अन्धविश्वास एवं अंदेशा पर 03 वर्षीय नाबालिक बच्चे की बली देने वाला हैवान आरोपी चढ़ा पुलिस के हत्थे

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नाबालिक बच्चे को मिठाई बिस्किट देने के बहाने बहला-फुसलाकर अपने घर ले जाकर लोहे की छूरी से बच्चे की गर्दन को रेतकर हत्या करने वाले आरोपी को थाना सामरीपाठ पुलिस ने गिरफ्तार कर भेजा  सलाखों के पीछे।


रिपोर्टर सादाब अंसारी 


बलरामपुर, दरअसल मामला इस प्रकार है कि, प्रार्थी बिरेन्द्र नगेसिया पिता बीरसाय नगेसिया, उम्र 24 वर्ष, निवासी सबाग, पारा सुलुंगडीह, थाना सामरीपाठ दिनांक 06.04.2024 को थाना सामरीपाठ उपस्थित आकर रिपोर्ट दर्ज कराया कि दिनांक 29.03.2024 को मैं अपनी पत्नी व बच्चों के साथ महुआ फूल उठाने ग्राम झलबासा जंगल गया था, वहाँ पर झाला-झोपड़ी बनाकर डेरा किये थे। दिनांक 01.04.2024 को मैं सुबह प्राथमिक शाला सबाग रसोई का काम करने गया था स्कुल की छुटट्टी के बाद वापस झलबासा डेरा आया तब पत्नी दयामुनी बताई कि हमारा लड़का अजय नगेसिया, जितन नगेसिया के बच्चों के साथ डेरा के बगल में महुआ पेड़ के नीचे खेल रहा था मैं बगल में नदी के किनारे करेला तोड़ने गयी, वापस आयी और तो देखी बच्चा वहाँ पर नहीं था बताने के बाद से हम दोनों पति-पत्नी आस-पास गांवों में, जंगल और नदी-नाला सब तरफ खोजबीन किये कहीं कोई पता नहीं चला, बच्चा कहीं गुम गया है बालक का नाम अजय नगेसिया पिता बिरेन्द्र नगेसिया, उम्र 03 वर्ष, रंग सावला, चेहरा गोल, बदन में हरा टी-शर्ट पहना हुआ है। मम्मी, आया और बाबा बोलता है मुझे शंका है कि मेरे नाबालिक बालक को डेरा के पास खेलते समय कोई अज्ञात व्यक्ति बहला फुसलाकर कहीं ले गया है।


प्रार्थी की सूचना पर थाना सामरीपाठ में अज्ञात आरोपी के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान श्रीमान पुलिस अधीक्षक महोदय श्री वैभव बैंकर (भा.पु.से) एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री विश्व दीपक त्रिपाठी के दिशा निर्देशन एवं पुलिस अनुविभागीय अधिकारी कुसमी श्री इम्मानुएल लकड़ा के मार्गदर्शन पर गुम बालक का पता तलाश लगातार किया जा रहा था, पतासाजी विवेचना दौरान यह तथ्य आया कि आरोपी राजू कोरखा के पास,


मृतक के दादा और झलबासा निवासी झल्लू के साथ गुम बालक अजय नगेसिया को खोजने के लिये तंत्र-मंत्र बोलने पर आरोपी राजू द्वारा बताया गया कि बड़ा पूजा करना पड़ेगा तब मिलेगा। इसकी जानकारी पुलिस को मिलने पर आरोपी राजू कोरवा को तलब कर पूछताछ किया गया जो बताया कि नशे की हालत में होने से ऐसा बोल दिया था। आरोपी राजू कोरवा पूछताछ में बार-बार अपने बयान बदल रहा था, तथा अलग-अलग बयान देकर पुलिस को लगातार गुमराह कर रहा था।


पुलिस द्वारा मुखबिर एवं गांव में लगातार लोगों के बीच रहकर सूचना संकलन किया जा रहा था, जिसके तारतम्य में कुछ ग्रामीणों द्वारा घटना के संबंध में आवश्यक सुराग (क्लू) देने पर आरोपी राजू कोरवा को पुनः तलब कर कड़ाई से पूछताछ किया गया, पूछताछ पर आरोपी राजू कोरबा द्वारा घटना घटित करना स्वीकार करते हुये बताया कि मेरा बड़ा लड़का बचपन से ही मिर्गी बीमारी एवं मानसिक रूप से कमजोर है, महादानी देवता को आदमी बच्चा का बली देने से मेरा लड़का ठीक हो जायेगा का मन बना लिया था कि घटना दिनांक को ग्राम झलबासा रास्ता में गुम बालक अजय नगेसिया उम्र करीब 2.5 से 03 वर्ष अकेला दिखा जिसे मैं मिठाई बिस्कुट ढुंगा कहकर बहला फुसलाकर गोद में उठाकर अपने घर ले जाकर उसी दिन लोहे की छूरी से लड़का का गर्दन को काटकर हत्या कर दिया और धड़ को बोरा में डालकर बोड़ादह कोना नाला में ले जाकर उसी रात जला दिया तथा उसके सिर को 03 दिन तक अपने घर में छिपाकर रखा या जब मृत्त बालक का परिजन बच्चे को खोजने लगे तब मैं बच्चे के सिर को कपड़ा में लपेटकर बोड़दहा नाला के पास ले जाकर गड्‌ढा खोदकर दफन कर दिया और उपर से मिट्टी पाटकर 04-05 पत्थर उपर में रख दिया और लोहे की छूरी को अपने घर में रखा हूँ बताने पर शव उत्खनन की कार्यवाही के लिये कार्यपालिक दण्डाधिकारी कुसमी को पत्राचार करने पर तहसीलदार सामरी की उपस्थिति में शव उत्खनन की कार्यवाही कराया गया जो कि गुम बालक अजय नगेसिया के सिर को आरोपी के द्वारा जमीन के करीब 02 फिट नीचे कपड़े में लपेटकर दफन कर दिया गया था जिसको निकलवाकर देखने पर खोपड़ीनुमा हडडी के अवशेष मिले जिसे दस्तयाब कर मौके पर जप्ती कार्यवाही किया गया तथा आरोपी के बताये अनुसार घटना में प्रयुक्त लोहे की छूरी को अपने घर से बरामद कराया। आरोपी राजू कोरवा पिता लेब्दू कोरखा, उम्र 40 वर्ष जाति पहाड़ी कोरवा, निवासी कटईडीह, पंचायत चटनिया, थाना चांदो का कृत्य धारा 302, 201 भादवि का अपराध घटित करना पाये जाने एवं अपराध घटित करना स्वीकार करने से आज दिनांक 16.07.2025 को गिरफ्तार कर पुलिस अभिरक्षा में लिया गया है।


सम्पूर्ण कार्यवाही में थाना प्रभारी निरीक्षक विजय प्रताप सिंह, स.उ.नि. आनन्द मसीह तिर्की, प्र. आर. 681 संजय साहू, आर. 184 आदित्य कुजुर, आर. 928 संतोष यादव, आर. 110 अमित लकड़ा, आर. 691 ओमकार रजक का सराहनीय योगदान रहा।

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