संबलपुर सराई पारा में संतान की दीर्घायु और सुख समृद्धि के लिये माताएं अपने पुत्र के लिए रखी व्रत

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TOP NEWS छत्तीसगढ़ भानुप्रतापपुर से संतोष बाजपेयी की रिपोर्ट*


*भानुप्रतापपुर*

 धर्मानगरी संबलपुर सराईपारा स्थित शिव महादेव मंदिर एवं भानुप्रतापपुर वार्ड क्रमांक 6 में स्थित मंदिर में हलषष्टी पर्व के अवसर पर महिलाओं ने हलषष्टी देवी की विधिवत पूजा अर्चना कर पर्व को मनाया गया,भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को हल षष्ठी का व्रत रखा जाता है। इस वर्ष  हल षष्ठी व्रत 14 अगस्त को है, हल षष्ठी को हलछठ या ललही छठ के रूप में भी मनाया जाता है। हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार, हल षष्ठी का व्रत महिलाएं अपने संतान की लंबी उम्र के लिए रखती हैं।पौराणिक मान्यता है


,कि इस दिन श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलराम का जन्म हुआ था। मान्यता यह भी है कि इस व्रत को विधि-विधान से करने पर संतान के जुड़ी समस्याएं दूर हो जाती हैं।हल षष्ठी के दिन महिलाएं पवित्र मिट्टी की बेदी बनाकर उसमें आम,बेर, पलाश महुआ,खमार और कुश से सारी को सजाती हैं। इसके बाद विधि-विधान के पूजा की जाती है.।इस क्रम में बिन जुते हुए अनाज या खाद्य पदार्थ का सेवन किया जाता है,इस व्रत में विशेष रूप से महुआ, भैंसी का दूध, पशहर का चावल और उनसे बनी चीजों का इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही महिलाएं इन्हीं चीजों के माध्यम से व्रत पालन करती हैं। हल षष्ठी व्रत के दौरान किसी भी प्रकार का अन्न ग्रहण नहीं किया जाता है। इसके साथ ही इस व्रत की पूजा के दौरान जुते हुए अनाज और सब्जियों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। हल षष्ठी व्रत में विशेष रूप से भैंस के दूध और उससे बनी चीजों का ही इस्तेमास किया जाता है ।आज संबलपुर सराईपारा स्थित शिव महादेव मंदिर में दोपहर को पंडित दिनेश पांडा के द्वारा हलषष्टी पर्व की विधिवत पूजा करायी गयी। नगर के सभी महिलायें अपने अपने संतानों की लंबी उम्र की कामना लेकर पूरे विधि विधान के साथ उपवास रहकर आज के पूजा में सम्मिलत हुए। शिव महादेव मंदिर सराई पारा संबलपुर द्वारा समय समय पर सभी त्यौहारों और पर्वों का आयोजन धूमधाम से मनाए जाता हैं।

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