रुक्मिणी मंगल कथा श्रवण से वैवाहिक बाधाएँ होती हैं दूर पं. दाऊलाल तिवारी

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चारामा।

नगर से सटे ग्राम गिरहोला में इन दिनों श्रीमद्भागवत महापुराण का भव्य आयोजन किया जा रहा है। कथा व्यास पंडित दाऊलाल तिवारी द्वारा श्रद्धालुओं को भागवत कथा का रसपान कराया जा रहा है। 20 दिसंबर से प्रारंभ हुए इस धार्मिक आयोजन के तहत 25 दिसंबर को रुक्मिणी मंगल कथा का भावपूर्ण श्रवण कराया गया।


कथा के दौरान भगवान श्रीकृष्ण और माता रुक्मिणी के विवाह संस्कार का विधिवत आयोजन किया गया, जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। विवाह उत्सव के साक्षी बने भक्तजन भगवान की भक्ति में झूम उठे और पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया।



कथा व्यास पंडित दाऊलाल तिवारी ने कहा कि रुक्मिणी मंगल कथा सच्चे प्रेम, दृढ़ विश्वास और अटूट भक्ति का प्रतीक है। यह कथा हमें सिखाती है कि ईश्वर के प्रति पूर्ण समर्पण से जीवन की सभी बाधाएँ दूर होती हैं और आध्यात्मिक इच्छाएँ भौतिक इच्छाओं से कहीं ऊपर होती हैं।


उन्होंने आगे बताया कि रुक्मिणी मंगल कथा के श्रवण से घर में व्याप्त वैवाहिक बाधाएँ दूर होती हैं। यह कथा पारिवारिक और वैवाहिक जीवन में मंगल, सुख-समृद्धि और शांति प्रदान करने वाली मानी जाती है। दृढ़ निश्चय और प्रेम की जीत का संदेश देने वाली यह कथा भक्तों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाती है।

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